शिमला (हिमाचल प्रदेश) खबरों से खबर
हिमाचल में गर्भवती महिलाओं और बच्चों के खून के टेस्ट अब घर पर ही हो जाएंगे। हिमोग्लोबिन टेस्ट के लिए इन्हें अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। हेल्थ वर्कर और आशा वर्कर घर पर आकर खून की महज एक बूंद से इस टेस्ट को कर देंगी। रिपोर्ट भी दो मिनट में मिल जाएगी। सरकार ने इसके लिए हिमोग्लोबिनो मीटर ऑटोमेटिक मशीनें खरीदने के निर्देश दिए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग जल्द ही मशीनें खरीदने के लिए टेंडर करेगा। लोगों को छोटे-छोटे टेस्ट के लिए अस्पतालों के
चक्कर न काटने पड़ें, इसके लिए हिमोग्लोबिनो मीटर ऑटोमेटिक मशीनें खरीदने का फैसला लिया है। ये मशीनें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर आशा और हेल्थ वर्कर को भी दी जाएंगी। स्वास्थ्य विभाग अब जल्द ही इन मशीनों को खरीदने के लिए टेंडर करेगा। यही नहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जोनल अस्पतालों की तर्ज पर यह टेस्ट अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में भी हो सकेंगे। इन केंद्रों में भी प्रदेश सरकार मशीनें भेजेगी। यहां डॉक्टर, नर्स या फार्मासिस्ट खून के टेस्ट कर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि हिमाचल को एनीमिया मुक्त करने के लिए भी यह फैसला लिया गया है। किसी भी बीमारी में मरीज का हिमोग्लोबिन टेस्ट अनिवार्य होता है। उसके बाद ही मरीजों का उपचार शुरू होता है।
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