Kullu/Himachal Pradesh खबरों से खबर
सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण अटल रोहतांग टनल का विकास एक सपने के मुताबिक था जोकि आज सच होने जा रहा है। दुनिया की सबसे अधिक ऊंचाई 10040 मीटर पर बनी अटल टनल रोहतांग को लेकर देश के तीन प्रधानमंत्रियों का संजोया सपना
आखिरकार साकार हुआ है। वर्ष 1972 में देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने लौहाल-स्पीति का दौरा किया था। उस समय उनके जेहन में टनल बनाने का विचार आया था। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने तीन जून 2002 को टनल बनाने का ऐतिहासिक फैसला लिया था। सोनिया गांधी ने इसकी आधारशिला 2010 में रखी थी। टनल निर्माण के लिए शुरुआत में 1400 करोड़ का बजट था। लेकिन समय अधिक लगने
के कारण इसके बजट में भी इजाफा हो गया। टनल पर करीब 3200 करोड़ खर्च किया गया। टनल बनने से मनाली और लौहाल-स्पीति की दूरी 46 किलोमीटर कम होगी। लौहाल-स्पीति के लिए 12 महीने आवाजाही होगी। ऐसे में पर्यटन की दृष्टि से भी लौहाल-स्पीति का विकास हो जाएगा। अब सेना का साजो सामान भी आसानी से लेह जाएगा। सामरिक दृष्टि से भी टनल महत्वपूर्ण है। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ टकराव चल रहा है। ऐसे में टनल बनने से सेना के सामान की आपूर्ति आसान होगी। बीआरओ ने पीएम के स्वागत के बोर्ड जगह-जगह पर लगाए हैं। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी का टनल बनाने का सपना आखिरकार पूरा हो गया है। साथ ही नरेंद्र मोदी का भी टनल निर्माण का सपना सच हुआ है।
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