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कोरोना के चलते पिछले साल मार्च से लॉकडाउन लगने के बाद मंदिर के कपाट भी छह महीने के लिए बंद कर दिए गए थे। सितंबर 2020 में मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुलने के बाद मंदिर में प्रसाद चढ़ाने पर रोक लगाई गई थी। अब कोरोना के मामले कम होने और आने वाले नवरात्र को देखते हुए प्रशासन ने इस पाबंदी को हटा दिया है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच मार्च महीने से लगे लोकडाउन के कारण मंदिरों में श्रद्धालुओं को प्रशाद चढ़ाने की अनुमति नहीं थी जो अब मिल गई है। करीब 11 महीने बाद प्रसिद्ध शक्तिपीठ चिंतपूर्णी में श्रद्धालु मंगलवार से प्रसाद
भी चढ़ा सकेंगे। डीसी ऊना के आदेशों के बाद मंदिर न्यास चिंतपूर्णी ने मंदिर में प्रसाद चढ़ाने पर लगी पाबंदी हटा दी है। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर खुलने का समय भी रोजाना सुबह सात से रात को साढ़े 9 बजे तक कर दिया है। मंदिर प्रशासन ने मंदिर में लगे बैरिकेड भी हटा दिए हैं। मंदिर में बैरिकेड के कारण श्रद्धालुओं को परेशानी होती थी। अब श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने के साथ प्रसाद भी चढ़ा सकेंगे। मंदिर खुलने का समय अप्रैल में होने वाले चैत्र नवरात्रों के दौरान और बढ़ा दिया जाएगा। मंदिर प्रशासन की मानें तो श्रद्धालु मंदिर में बैठकर भजन-कीर्तन भी कर सकेंगे। उधर, पुजारी बारीदार सभा के प्रधान रविंदर छिंदा, पुजारी भूषण कालिया, मास्टर केवल कालिया, राजपाल कालिया और संजीव कालिया ने प्रशासन के इस निर्णय का स्वागत किया है। पुजारी रविंदर छिंदा ने कहा कि मंदिर में प्रसाद चढ़ाना श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा मामला है। वहीं, डीसी ऊना राघव शर्मा ने बताया कि मंगलवार से पहले की तरह श्रद्धालु मंदिर में प्रसाद चढ़ा सकेंगे। मंदिर में प्रसाद चढ़ाने को लेकर लगाई गई पाबंदी हटा ली गई है।
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