पालमपुर (हिमाचल प्रदेश )
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि महिलाओं का सामजिक, आर्थिक उत्थान तथा उन्हें विकास के समान अवसर प्रदान करना सरकार की उच्च प्राथमिकता है।
प्रदेश के विकास में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित बनाने के लिए महिला कल्याण व उत्थान योजनाओं को सुद्ढ़ करने के साथ-साथ अनेक नई योजनाएं चलाई गई हैं। स्वास्थ्य मंत्री शुक्रवार को फरेड में जिला स्तरीय अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में महिला एवम् बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करने के उपरांत बोल रहे थे। कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री ने ज्योति प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जिला कार्यक्रम अधिकारी रणजीत सिंह ने मुख्य अतिथि को शॅाल टोपी व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं की
जानकारी गांव में महिलाओं तक पहुंचाने का आग्रह किया। उन्होंने महिलाओं से भी कहा कि उन्हें सभी कार्यों में आगे आना पड़ेगा तभी विकास संभव है। उन्होंने कहा कि बेटियां हर क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रही हैं तथा वो बेटियां ही हैं जो दो परिवारों को जोड़ती हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कुछ
क्षेत्रों में घटते लिंगानुपात पर चिंता व्यक्त करते हुए ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के अंतर्गत जिला में लैंगिक असंतुलन को दूर करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता से कार्य करने के साथ-साथ लड़कियों की शिक्षा, सुरक्षा, सम्मान, स्वाभिमान और अधिकारों को लेकर भी जागरूकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि बेटा और बेटी के बीच भेदभाव की मानसिकता में सकारात्मक बदलाव लाना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने इसके लिए उन्होंने सक्रिय भागीदारी एवं सहयोग का आग्रह किया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ऐसी सभी विधवाएं जोकि सामाजिक सुरक्षा पेंशन ले रही हों प्रदेश सरकार की हिमकेअर स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के
अंतर्गत बिना कोई प्रीमियम दिये, पांच लाख रुपये तक का स्वस्थ बीमा लाभ पाने की पात्र होंगी। प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष परित्यक्ता महिलाओं, विधवाओं को दो बच्चों के पालन-पोषण हेतु प्रति बच्चा, प्रति वर्ष सहायता राशि को 5 हजार से बढ़ाकर छः हजार रुपये किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए ‘शक्ति बटन ऐप’ तथा महिलाओं के प्रति हिंसक घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए
‘ गुड़िया हेल्पलाइन’ 1515 आरंभ की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री आर्शीवाद योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत चिकित्सा संस्थान में प्रसव कराने पर दी जाने वाली 700 रुपये की राशि के अतिरिक्त अस्पताल में जन्में सभी नवजात शिशुओं को 1500 रुपये मूल्य की ‘‘नव आगंतुक किट’’ भी दी जाएगी। उन्होंन सभी महिलाओं
से हिमकेयर योजना का कार्ड बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने अभी हाल ही में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मासिक मानदेय को तीन हजार रुपये से बढ़ाकर 4500 रुपये कर दिया है। राज्य सरकार द्वारा दिये जाने वाले अतिरिक्त मासिक अंशदान को मिलाकर अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का मासिक मानदेय 6300 रुपये होगा।
इसी प्रकार से केन्द्र सरकार ने आंगनबाड़ी सहायकों का मासिक मानदेय 1500 रुपये से बढ़ाकर 2250 रुपये तथा मिनी आंगनबाड़ी वर्करज का मानदेय 2250 रुपये से बढ़ाकर 3500 रुपये कर दिया है। राज्य सरकार द्वारा दिये जाने वाले मासिक अंशदान को मिलाकर क्रमश 3200 रुपये एवं 4600 रुपये मिलेगा।
परमार ने विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों की सराहना की। स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 14 लाभार्थियों को 5 लाख 60 हजार रुपये के चेक तथा बेटी है अनमोल योजना के तहत 31 बच्चियों को 3 लाख 56 हजार की एफडी वितरित की। इससे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने अक्षैणा में लोगों की समस्याओं को सुना। उन्होंने अधिकतर का मौके पर ही निपटारा कर दिया और शेष समस्याओं के समाधान के लिये संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।
स्वास्थ्य मंत्री ने पीएचसी फरेड़ को आने वाले समय में सीएचसी करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही फरेड़ पीएचसी में नए 4 डॉक्टरों को नियुक्त कर दिया जाएगा। उन्होंने समूला सहकारी सभा के भवन को 10 लाख रुपये, चार महिला मंडलों को 20-20 हजार रूपये, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए अपनी
एच्छिक निधि से एक लाख रूपये तथा फरेड़ में एक टयूबवेल लगाने की घोषणा की। इस अवसर पर उपायुक्त संदीप कुमार ने उपस्थित महिलाओं को संम्बोधित करते हुये कहा कि महिलाओं के सामाजिक व आर्थिक उत्थान में सरकार प्रयासरत है और इन प्रयासों से अब समाज में बदलाव भी आ रहा है। उन्होंने कहा कि बेटी है अनमोल योजना, एक बूटा बेटी के नाम, कम उम्र में हुई विधवाओं के लिए नर्सिंग संस्थाओं तथा आईटीआई में प्रवेश के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि जिला कांगड़ा में स्थानीय स्तर पर एक स्नेहधारा नाम से स्कीम शुरू की है। जिसके अन्तर्गत असहाय निर्बल और अनाथ बच्चियों को गोद लेकर उनको पढ़ाने की व्यवस्था एनजीओ के माध्यम से प्रशासन को साथ में रखकर कर रहे हैं। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से जिला कार्यक्रम अधिकारी रणजीत सिंह ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, माता शबरी महिला सशक्तिकरण योजना, मदर टैरेसा मातृ संबल योजना, विधवा पुनर्विवाह योजना,
महिला स्वरोजगार योजना व सबला योजना के अंतर्गत किशोरियों को पोषाहार और बेटी है अनमोल व बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजनाओं की विस्तार से जानकारी के साथ महिलाओं के संरक्षण के लिये विशेष अधिकारों में दहेज उत्तपीड़न, घरेलू हिंसा, मातृ सुरक्षा योजना और महिलाओं के कल्याण हेतु कार्यान्वित अधिनियमों की विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये तथा नाटकों के माध्यम से बेटियों के महत्त्व को प्रदर्शित किया। इस दौरान निर्वाचन विभाग द्वारा वीवीपैट की जानकारी भी दी गई। इस अवसर पर जिला परिषद अध्यक्ष मधु गुप्ता, मंडलाध्यक्ष कैप्टन देश राज शर्मा, महामंत्री चंद्रवीर पाल, सुखदेव मसंद, एसडीएम
पालमपुर पंकज शर्मा, सदस्य महिला कल्याण बोर्ड अनुराधा ठाकुर, प्रदेश महिला मोर्चा सदस्य रागिनी रुकवाल, मीडिया प्रभारी परवीन शर्मा, तनु भारती, सीडीपीओ अनिल कौल, विजय शर्मा सहित स्थानीय पंचायतों की महिला प्रधानों के साथ बड़ी संख्या आँगनवाड़ी कार्यकर्ता और महिलायें उपस्थित रहीं।
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