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जब जब धर्म की हानि होती है, जब जब अत्याचार बढ़ जाता है, तब तब महापुरूश अवतरित होते हैं। यह उद्गार स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने आज ऊना उपमण्डल के गांव बहडाला में सामाजिक संगठन श्रीगुरू रविदास विष्व
महापीठ की प्रथम प्रदेष कार्यकारिणी की बैठक में बतौर मुख्यातिथि षिरकत करते हुए व्यक्त किये। बैठक में प्रदेष के सभी जिलों के कार्यकारिणी प्रतिनिधियों ने भाग लिया।उन्होंने कहा कि गुरू रविदास के अनुसार मानवता का तो एक ही धर्म है, जिसमें दया है, सब जन एक समान की शिक्षाएं हैं, धर्म में छुआछूत के लिए कोई स्थान नहीं है। गुरू रविदास ने न केवल रवि समुदाय के लोगों का मनोबल बढ़ाने या उनके उत्थान के लिए काम किया बल्कि सारी मानव जाति के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उनकी षिक्षाओं से प्रभावित होकर अन्य वर्गों के लोग भी उनके शिष्य बने। उन्होंने समाज को संदेष दिया कि समाज को वर्गीकृत नहीं किया जाना चाहिए। समाज एक आत्मा है तथा प्रत्येक वर्ग एक दूसरे वर्ग का प्रतिपूरक है, का उपदेष दिया। श्री गुरू रविदास विष्व महापीठ की स्थापना करने का भी यही उद्देष्य था।
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