शिमला (हिमाचल प्रदेश)
हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 556 से जुड़े मामले में सुनवाई 9 अप्रैल के लिए टल गई है। हाल ही में कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर ने 1156 पदों के लिए हुई परीक्षा का परिणाम घोषित किया था। इसे कुछ उम्मीदवारों ने उच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना मानते हुए हाईकोर्ट
में अवमानना याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई 4 अप्रैल को होनी है। इस कारण ट्रिब्यूनल में इन भर्तियों से जुड़े मामलों पर अंतिम सुनवाई नहीं हो सकी। ट्रिब्यूनल ने सफल उम्मीदवारों को नियुक्ति
पत्र जारी करने पर रोक लगाई है। ट्रिब्यूनल अध्यक्ष न्यायाधीश वीके शर्मा ने प्रार्थी सपना ठाकुर और अन्य की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के बाद सरकार को आदेश दिए हैं कि वह जूनियर
ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 556 के मामले में नियुक्ति पत्र जारी करने पर यथास्थिति बरकरार रखे। कर्मचारी चयन आयोग ने 23 फरवरी को जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 556 का अंतिम परिणाम करीब ढाई साल बाद घोषित किया था।
आयोग ने 1156 पदों के लिए ली गई परीक्षा में 596 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया था। शेष अभ्यर्थियों को अयोग्य घोषित किया गया। प्रार्थियों के अनुसार आयोग को जल्दबाजी में इस पोस्ट कोड के परिणाम घोषित नहीं करने चाहिए थे।
इस पोस्ट कोड के मामले अदालतों में लंबित हैं। आरोप है कि आयोग ने परिणाम बनाते समय न्यूनतम योग्यता की आड़ में कंप्यूटर शिक्षा में उच्च डिग्रियां और डिप्लोमा प्राप्त अभ्यर्थियों को अयोग्य घोषित कर दिया।
आयोग ने विभिन्न संस्थाओं से मान्यता प्राप्त डिग्री और डिप्लोमाधारकों को भी बिना कारण अयोग्य घोषित कर दिया है। इसके परिणामस्वरूप लिखित और टाइपिंग परीक्षा में उनसे कम अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया।
ट्रिब्यूनल में पहले से लंबित याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि जूनियर ऑफिस असिस्टेंट के पदों को भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के विपरीत भरा जा रहा है। हाईकोर्ट ने इन पदों को भरने के लिए जारी विज्ञापन के तहत दर्शाए गए भर्ती एवं पदोन्नति
नियमों के अनुरूप ही भरने को कहा था और ट्रिब्यूनल को इन मामलों का निपटारा मेरिट के आधार पर करने के आदेश पारित किए थे। इससे पहले की इन मामलों पर मेरिट के आधार पर फैसला आता, कर्मचारी चयन आयोग ने इस भर्ती परीक्षा का
परिणाम घोषित कर दिया। प्रार्थियों के अनुसार आयोग के सचिव ने अदालत की अवमानना की है। उनके खिलाफ अवमानना का मामला भी दायर किया गया है। ट्रिब्यूनल में इन मामलों पर फैसला 9 अप्रैल को होगा।