शिमला (हिमाचल प्रदेश) विशेष संवाददाता

प्रदेश की नदियों व कुछ शहरो के दूषित हिस्सों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए प्रदेश सरकार मंडी, रुड़की और कानपुर स्थित आईआईटी के विशेषज्ञों की मदद लेगी। इसके अलावा एक नदी के हिस्से को प्रदूषणमुक्त करने के लिए रुड़की के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी को भी शोध कर रिपोर्ट देने के लिए चिह्नित किया है। ये सभी संस्थान दो महीने में प्रदूषण के कारणों, उनके स्रोतों को चिह्नित कर इन्हें प्रदूषणमुक्त करने के लिए रणनीति तैयार करेंगे । फिर सरकार उस रिपोर्ट के आधार पर एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग कमेटी और नदियों में प्रदूषण रोकने को गठित कमेटी की बैठक में इन एजेंसियों को चयनित कर जिम्मेवारी दी जाएगी । राज्य के पांवटासाहिब, कालाअंब, डमटाल, परवाणू, सुंदरनगर, बद्दी और नालागढ़ जहां पार्टीकुलेट मैटर (पीएम) साठ से ज्यादा है, वहां प्रदूषण के कारणों की जांच आईआईटी कानपुर करेगा। नदियों के प्रदूषित हिस्सों को अलग-अलग संस्थानों को दिया जा रहा है। इनमें सुखना, सिरसा और अश्वनी के प्रदूषित हिस्सों के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी को और बाकी हिस्सों को आईआईटी रुड़की, आईआईटी मंडी और आईआईटी कानपुर को दिया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन आरडी धीमान का कहना है कि सभी एजेंसियों को अलग अलग शहर और नदियों के हिस्से शोध के बाद आई रिपोर्ट के आधार पर संबंधित विभागों को प्रदूषण के कारणों को खत्म करने के लिए निर्देश दिए जाएंगे।