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31 मार्च तक सरकार ने सरकारी स्कूलों में मिड डे मिल बनाने पर रोक लगाई हुई है। विद्यार्थियों को राशन ही घरों में उपलब्ध करवाया जा रहा है। लेकिन अब प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक विद्यार्थियों के लिए मिड डे मील बनाने के लिए लोहे के बर्तनों का प्रयोग नहीं होगा। नए
शैक्षणिक सत्र से मिड डे मिल योजना के तरीकों में बदलाव किया जाएगा। स्टील या पीतल के बर्तनों में बच्चों के लिए भोजन बनाया जाएगा। खाद्य सुरक्षा विनियमन विभाग ने इस बाबत प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को निर्देश जारी किए हैं। इस बारे में मिड डे मील बनाने वाले वर्करों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। खाद्य सुरक्षा विनियमन विभाग की ओर से करीब 22 हजार मिड डे मिल वर्करों को प्रदेश भर में प्रशिक्षण दिया जाएगा। बीते वर्ष कोरोना संकट के दौरान मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रशिक्षण देने का फैसला लिया गया था। इसी कड़ी में अब जल्द ही पूरे प्रदेश में प्रशिक्षण अभियान शुरू होगा। प्रशिक्षण के दौरान वर्करों को भोजन बनाते समय बरती जाने वाली सावधानियों और सफाई के प्रति सचेत किया जाएगा। लोहे के बर्तनों की जगह स्टील या पीतल के बर्तनों में बच्चों के लिए भोजन बनाने को कहा जाएगा। भोजन बनाते समय चूड़ियों, अंगूठी, नेल पालिश का प्रयोग नहीं करने की हिदायत दी जाएगी।
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